नीट पेपर लीक मामले को देखते हुए, बिहार विधान सभा में एक नया कानून पास हुआ है। जिसमें पेपर लीक मामले में पकड़े जाने पर करोड़ रुपए तक का जुर्माना हो सकता है, साथ है 10 साल का जेल भी सजा के तौर पर रखी गई है। इस बिल के बारे में अधिक जानने के लिए नीचे दी गई आर्टिकल को पढ़ें।
बिहार विधानसभा में बुधवार यानी 24 जुलाई 2024 को विपक्ष कि अनुपस्थिती में एंटी पेपर लीक बिल पास हो गया है। अब बिहार में किसी परीक्षा का पेपर लीक करने वाले को कड़ी सजा मिलेगी, जिसमें 10 साल की सजा तथा 1 करोड़ रुपये जुर्माना के साथ संपत्ति जब्त करने का पर्वधान है। वहीं अभ्यर्थी के शामिल पाए जाने पर तीन साल की सजा के साथ 10 लाख का जुर्माना भी रखा गया है।
इससे पहले बिहार में वर्ष 1981 में नकल रोकने लिए कानून बनाया गया था। इस कानून के तहत शिर्फ 6 महीने की जेल तथा 2000 रुपयों के जुर्माने का प्रावधान था, जबकी नये कानून में सख्त धाराओं को सामिल किया गया है।
पकड़े जाने पर लगाई जाएगी गैर जमानतीय धाराएं,
प्रभारी मंत्री विजय कुमार जौधरी में कहा कि यह कानून छात्र, शिक्षक या कोई और हो सभी पर लागू होगा। यह कानून राज्य सरकार की तरफ से आयोजित होने वाली सभी पर्तियोगिता परीक्षाओं में प्रभावी होंगी। आपको बता दूं कि पेपर लीक को एक संगीन जुर्म के वर्ग में रखा गया है जिसमें पकड़े जाने पर गैर जमानतीय धाराएं लगाई जाएगी।
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किस पर होगी कौन सी कार्रवाई ?
- इस नियम के लागू के पश्चात अगर कोई अभ्यर्थी परीक्षा में गलत तरीके से शामिल होता है, या नियमों का उल्लंघन करते हुए पाया जाता है तो उसे कम से कम 3 से 5 साल की सजा साथ ही 10 लाख रुपया का जुर्माना देना होगा।
- अगर कोई व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह जिनके साथ सर्विस प्रोवाईडर की मिली भगत हो, और वे पकड़े जाते है तो 5 से 10 साल की सजा के साथ 1 करोड़ रुपया जुर्माना का प्रावधान रखा गया है। साथ ही उनकी संपत्ती की कुर्की भी की जाएगी।
- परीक्षा में शामिल सर्विस प्रोवाइडर अगर पेपर लीक करता है, तो उनके उपर एक करोड़ रुपया के साथ परीक्षा में हुए खर्च को भी वसूला जाएगा। साथ ही उन्हें 4 साल के लिए ब्लेकलिस्टेड कर दिया जाएगा।
क्या करने पर होगी कार्रवाई ?
- प्रश्न या उत्तर को परीक्षा से पहले जारी करना या किसी दूसरों के साथ शामिल होना।
- प्राधिकार के बिना प्रश्न या आर्टिकल ओएमआर शीट तक पहुँचना या उसे अपने कब्जे में लेना।
- परीक्षा के दौरान किसी अनधिकृत तरीके व्यक्ति द्वारा एक या अधिक प्रश्न सेट का हल करना।
- अनधिकृत तरीके से अभ्यर्थी की प्रत्यक्ष या अप्रत्येक्ष तरीके से मदद करना।
- उत्तर पुस्तिकाओं के साथ छेड़छाड़, बिना किसी प्राधिकार के इवैल्यूशन में छेड़छाड़
- किसी अभ्यर्थी की मेरिट या रैंक को अंतिम रुप दिए जाने के लिए किसी जरुरी डॉक्यूमेंट में छेड़छाड़, या सिक्योरिटी इक्यूपमेंट के साथ छेड़छाड़।
- जाली वेबसाइट बनाना भी शामिल है।
कौन करेगा जांच ?
अब पेपर लीक मामले की जांच डीएसपी रैंक के अधिकारी करेंगे। साथ ही आपको बता दें कि, इस जांच में सरकार किसी भी जांच एजेंसी का सहयोग लेने के लिए स्वतंत्र है।
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